नमस्कार दोस्तों, हम सब जानते हैं कि Windows सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसकी इतनी पॉपुलैरिटी के कारण Windows पर malicious attacks, vulnerabilities, threat जैसे कई virus attack का ख़तरा रहता है।
इन सब ख़तरों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है Antivirus का इस्तेमाल करना। लेकिन यह नए यूज़र्स के लिए एक संशय और आहट है बेस्ट Antivirus को चुनना।
जैसा कि हमारे ब्लॉग का टाइटल है “How To Choose The Best Antivirus For Windows”, आज इस ब्लॉग में हम Best Antivirus For Windows के बारे में बताएंगे।
इससे पहले हम जानेंगे कि Antivirus क्या होता है।
Table of Contents
Antivirus क्या है?
Antivirus बेसिकली एक प्रोग्राम ही होता है, जो वायरस, ट्रोजन्स, और मैलवेयर को ख़त्म करता है और आपके Windows कंप्यूटर को इन सब से प्रोटेक्ट करता है।
Antivirus के काम करने का तरीका है कि ये आपके कंप्यूटर को स्कैन करते हैं, वायरस को ढूंढते हैं और उन्हें ख़त्म करते हैं।
अब नॉर्मली हर किसी के पास एक ही सवाल आता है कि वायरस, ट्रोजन्स, मैलवेयर, और फ़िशिंग में क्या अंतर होता है, तो आइए सबसे पहले इनके बारे में जानते हैं।
Virus क्या है?
Virus बेसिकली एक कोड ही होता है, जो आपके कंप्यूटर में घुस जाए तो आपके कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को ख़राब कर देता है और इसे यूज़लेस बना देता है।
साधारणत: वायरस किसी suspicious फाइल में पाया जाता है। ऐसी फाइल को जब आप इंटरनेट से डाउनलोड करते हैं तो इसके साथ वायरस भी आपके डेस्कटॉप में एंटर कर जाता है। इसलिए आपको इंटरनेट से फाइल डाउनलोड करने से पहले उसे चेक करना आवश्यक है।
Trojan और Malware क्या है?
अब ट्रोजन की बात की जाए तो ये बेसिकली एक सॉफ्टवेयर क्लोन होते हैं, जो देखने में बिलकुल वैलिड लगते हैं क्योंकि ये आपके किसी सॉफ्टवेयर की ही कॉपी होते हैं। Trojans का काम आपके कंप्यूटर से डेटा चुराना होता है और ये आपके कंप्यूटर को भारी नुक़सान पहुंचा सकते हैं।
यहाँ पर ये बात ध्यान देने योग्य है कि virus और trojans दो अलग-अलग चीज़ें हैं। वायरस एक कोड है जो अपने आप को रिपीट कर सकते हैं जबकि Trojans सॉफ्टवेयर हैं, इन्हें जिस काम के लिए डिज़ाइन किया जाता है ये वही काम करते हैं।
Phishing क्या है?
Phishing का सामान्य मतलब हैकिंग से ही है। ये किसी भी डेस्कटॉप और ऑपरेटिंग सिस्टम को हैक करने का तरीका है। इसमें आपको ईमेल्स या फ़ोन कॉल्स का इस्तेमाल करके ट्रैप किया जाता है।
उदाहरण के लिए आपके पास कोई एक ईमेल आएगा जो कि आपको लगेगा कि किसी ट्रस्टेड source से है, जैसे क्रेडिट कार्ड अप्लाई के लिये ईमेल आएगा और आप किसी भी लिंक पर क्लिक करते हो तो तुरंत आपका डेटा चोरी कर लिया जाएगा या फिर आपके अकाउंट से पैसे निकाल लिये जाएंगे।
Best Antivirus for Windows कैसे सेलेक्ट करें?
1. Virus Scanning
किसी भी antivirus को ख़रीदने का पहला उद्देश्य है कि जैसे ही वायरस आपके डेस्कटॉप में एंटर करे, उसे ढूंढ के ख़त्म करना और आपके डेस्कटॉप को प्रोटेक्ट करना। Antivirus में एक स्कैनिंग इंजन होता है जो वायरस को डिटेक्ट करता है और उचित एक्शन लेता है। लेकिन यह ध्यान देने योग्य बात है कि सभी antivirus में एक जैसे स्कैनिंग इंजन नहीं होते हैं।
किसी antivirus में कमजोर स्कैनिंग होने की वजह से कई बार वायरस और मैलवेयर डिटेक्ट नहीं हो पाते हैं। ऐसे में आपके antivirus का काम सही से नहीं हो पाता है। तो कोई भी antivirus लेने से पहले उसके स्कैनिंग कैपेसिटी को ज़रूर देखना चाहिए।
अब अगला सवाल ये आता है कि किसी antivirus की scanning कितनी अच्छी है ये कैसे पता लगेगा? तो इसके लिए आप उस antivirus के बारे में ऑनलाइन रिव्यू पढ़ सकते हैं।
कुछ antivirus मनीबैक गारंटी भी देते हैं। ऐसे में आप उसे ख़रीद के एक बार यूज़ करके भी देख सकते हैं। अगर वो परफेक्ट नहीं है तो आप उसे रिटर्न भी कर सकते हैं।
2. System Resource Consumption
इसका सीधा सा मतलब है कि आपका antivirus आपके सिस्टम की कितनी जगह इस्तेमाल करता है। सोचिए, आपके System Resource का बड़ा भाग आपका antivirus कंज्यूम कर लेता है तो ये आपके धीमे कंप्यूटर को और भी धीमा कर देगा।
अधिकांस antivirus इस समस्या से निजात पाने के लिए एक in-built RAM और cleaners भी देते हैं लेकिन ये इस समस्या का परमानेंट उपाय नहीं है।
ऐसे में ये ज़रूरी हो जाता है कि आप एक ऐसे antivirus को सेलेक्ट करें जो आपके सिस्टम का कम भाग इस्तेमाल करे।
3. Easy to Use
जब आप कोई antivirus सेलेक्ट करें तो ध्यान दें, ये यूज़ करने के लिए अधिक जटिल नहीं होना चाहिए। काफ़ी antivirus बहुत अधिक फ़ीचर्स देते हैं जो कि बाद में यूज़ करने के लिए मुश्किल हो जाता है और साधारण यूजर उसे समझ नहीं पाता है।
4. Tech Support
आपने कोई एक antivirus सेलेक्ट कर लिया और आप उसका इस्तेमाल करते हैं। जब इसमें कोई दिक्कत आती है, तो आपके पास दो रास्ते बचते हैं या तो आप उस समस्या का निजात गूगल पर ढूंढें या फिर antivirus के कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें। ऐसे में किसी antivirus का Tech Support बहुत इंपोर्टेंट हो जाता है, तो antivirus सेलेक्ट करते समय इसका ध्यान अवश्य रखें।
5. Cost
ध्यान दें, antivirus इतने भी महंगे नहीं आते हैं, इसलिए कोई भी antivirus सेलेक्ट करते समय कीमत पर ध्यान अवश्य दें। जो फ़ीचर्स एक अधिक कीमत वाला antivirus देता है, वही कम कीमत में उपलब्ध antivirus भी दे सकता है। इसलिए इस पर ध्यान जरूर दें।
आपके बजट के अनुसार सबसे अच्छा विकल्प चुनें। कुछ अच्छे एंटीवायरस सस्ते होते हैं जबकि कुछ महंगे होते हैं।
6. Auto Update
Virus और malware अपने आप जल्दी से अपडेट होते रहते हैं। इसलिए आपका एंटीवायरस भी auto updated होना चाहिए ताकि नए खतरों से बचाव हो सके।